parlikakahani

मंगलवार, 5 जुलाई 2011

सर्वाधिक चर्चित : धान-कथावां





प्रस्तुतकर्ता डॉ. सत्यनारायण सोनी पर 3:49 am 1 टिप्पणी:
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परलीका कहाणी आन्दोलन

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डॉ. मदन गोपाल लढ़ा
इक्कीसवैं सईकै रै पैलड़ै दसक री कथा जातरा में बीकानेर संभाग रै हनुमानगढ़ जिलै रो एक छोटो-सो गांव परलीको ठावी ठौड़ बणाई है. अठै रा सत्यनारायण सोनी आपरै पैलै कथा-संग्रै "घमसाण" सूं बरस 1995 में जकी पनीरी तोपी उणसूं लारलै दसक में धपाऊ धान-कथावां निपजी अर केई कथाकार साहित्य रै आभै आपरी चमक दिखाळी है. परलीका नै केन्द्र मानता थकां इणनै परलीका कथा आंदोलण कैयो जा सकै. सोनी रै अलावा रामस्वरूप किसान, भरत ओळा, मेहरचन्द धामू, रामेश्वर गोदारा ’ग्रामीण’, विनोद स्वामी, संदीप धामू रै सागै प्रमोद कुमार शर्मा, पूर्ण शर्मा ’पूर्ण’, मनोज कुमार स्वामी, निशांत आद कथाकारां री पूरी पांत परलीका कथा आंदोलण री न्यारी ओळखाण करावै. घमसाण, जीव री जात, हाड़ाखोड़ी, ताळवै चिप्योड़ी जीभ, डोळ उडीकती माटी, मुकनो मेघवाल अर दूजी कहाणियां, तीखी धार, सेक्टर न. 5, धान कथावां, काचो सूत, सावळ-कावळ अर राम जाणै जैड़ा एक सूं बधता एक संग्रै इण आंदोलण री साख सवाई करै. गांवावूं जीवण रा ए समर्थ चितेरा व्यवस्था री बिड़रूपता, मिनख रै मांयली दोघाचींती, पूंजीवादी ताकतां रै छळ-छद्म, पांखडां अर लुगाई जात री मनगत री मनौवैग्यानिक ढंग सूं पड़ताल करता दीसै.
( 'समकालीन राजस्थानी कहाणी: शिल्प अर संवेदना’ आलेख सूं)

संपादक

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डॉ. सत्यनारायण सोनी
परलीका, राजस्थान, India
राजस्थानी में परलीका कहाणी आन्दोलन रा प्रवर्तक. डॉ. सत्यनारायण सोनी 10 मार्च, 1969 नै परळीकै में जलम। पिता श्री चुन्नीलाल सोनी अर माता श्रीमती कमला देवी। एम.ए.(हिन्दी, राजस्थानी), बी.एड., पीएच.डी.। कहाणी संग्रै 'घमसाण' पर मारवाड़ी सम्मेलन-बम्बई रो घनश्याम दास सराफ सर्वोत्तम राजस्थानी पुरस्कार-1996, ज्ञान भारती-कोटा रो गौरीशंकर 'कमलेश' स्मृति पुरस्कार-1997 अर राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर रो पैली पोथी पुरस्कार-1997। 2002 सूं 2007 तांईं साहित्य अकादेमी-नई दिल्ली रै राजस्थानी परामर्श मंडल में भागीदारी। दैनिक भास्कर-श्रीगंगानगर रै दैनिक कॉलम 'आपणी भाषा आपणी बात' रो लेखन अर संयोजन। आकाशवाणी-दूरदर्शन सूं प्रसारण। कई कहाणियां दूजी भारतीय भाषावां में भी अनूदित। हिन्दी में बाल-साहित्य री तीन पोथ्यां। 'इक्कीस' राजस्थानी री पैली वेब-बुक। कहाणी संग्रे 'धान-कथावां' 2010 में प्रकाशित. राजस्थान शिक्षा विभाग में प्राध्यापक (हिन्दी)। ठिकाणो : परलीका (हनुमानगढ़) 335504, कानाबाती : 01555 -262048, 09460102521
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